सोमवार, 24 नवंबर 2008
दुरुपयोग
्कानून जिसके हित में हॆ वही उसका दुरुपयोग करे तो क्या उसे अधिक सख्त सजा नहीं मिलनी चाहिये ? विस्तार से फ़िर कभी ।
रविवार, 2 नवंबर 2008
सुखद सूचना
यह सूचना देते हुए मुझे खुशी हॆ कि मेरे लेखों की पुस्तक 'संवाद भी विवाद भी" ग्रन्थ लोक, १०२९६, लेन नं० १, नवदुर्गा मन्दिर के पास, वॆस्ट गोरखपार्क, शाहदरा, दिल्ली - ११००३२ से हाल ही में प्रकाशित हो गई हॆ । किताबघर प्रकाशन से मेरी चुनी हुई कविताओं का संग्रह 'गेहूं घर आया हॆ' प्रकाशित होने वाला हॆ । बाकी फ़िर ।
शुभकामनाएं ।
दिविक रमेश
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