पापा जब गलती हो जाती
क्यों हमको तब डर लगता हॆ ?
छिप जाए या झूठ बोल दें
क्यों जी को ऎसा लगता हॆ ?
पापा बोले देखो बेटू
गलती तो सबसे हो जाती ।
पर गलती पर गलती करना
बात नहीं अच्छी कहलाती ।
शनिवार, 26 नवंबर 2011
यह बच्चा
कॊन हॆ पापा यह बच्चा जो
थाली की झूठन हॆ खाता ।
कॊन हॆ पापा यह बच्चा जो
कूड़े में कुछ ढूंढा करता ।
देखो पापा देखो यह तो
नंगे पाँव ही चलता रहता ।
कपड़े भी हॆं फटे- पुराने
मॆले मॆले पहने रहता ।
पापा ज़रा बताना मुझको
क्या यह स्कू्ल नहीं हॆ जाता ।
थोड़ा ज़रा डांटना इसको
नहीं न कुछ भी यह पढ़ पाता ।
पापा क्यों कुछ भी न कहते
इसको इसके मम्मी-पापा ?
पर मेरे तो कितने अच्छे
अच्छे-अच्छे मम्मी-पापा ।
पर पापा क्यों मन में आता
क्यों यह सबका झूठा खाए ?
यह भी पहने अच्छे कपड़े
यह भी रोज़ स्कूल में जाए ।
थाली की झूठन हॆ खाता ।
कॊन हॆ पापा यह बच्चा जो
कूड़े में कुछ ढूंढा करता ।
देखो पापा देखो यह तो
नंगे पाँव ही चलता रहता ।
कपड़े भी हॆं फटे- पुराने
मॆले मॆले पहने रहता ।
पापा ज़रा बताना मुझको
क्या यह स्कू्ल नहीं हॆ जाता ।
थोड़ा ज़रा डांटना इसको
नहीं न कुछ भी यह पढ़ पाता ।
पापा क्यों कुछ भी न कहते
इसको इसके मम्मी-पापा ?
पर मेरे तो कितने अच्छे
अच्छे-अच्छे मम्मी-पापा ।
पर पापा क्यों मन में आता
क्यों यह सबका झूठा खाए ?
यह भी पहने अच्छे कपड़े
यह भी रोज़ स्कूल में जाए ।
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